नुक्कड़ नाटक : बस और नहीं

नुक्कड़ नाटक : बस और नहीं 

कुछ लोग दर्शक की तरफ इस प्रकार खड़े है की वो एक दुसरे के आगे न आये ..मध्य में एक व्यक्ति दोनों हाथ और पैर को खोलकर खड़ा है वो भारत का प्रतिक है ...सभी नीचे मुह किये है तभी पाश्र्व से एक व्यक्ति बोलना आरंभ करता है ....

भारत ऐसा देश जो अपनी शांति और सद्भावना के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है ..अनेकता में एकता की जिसे संज्ञा दी गई है ..विश्व को अनेक बार सीख देना वाला यह राष्ट्र आज स्वयं भंयक से भंयक परिस्थितियों से गुजर रहा है आज इसके ही लाल इसके दमन को गन्दा कर रहे है ..स्वार्थ के इस खेल में लाशों का अम्बार खड़ा है जिस पर खड़ा नेता मुस्कराता है और वादा करता है की मैं  आपकी रक्षा के लिए हु ...इतिहास उठा के देखा जाये तो कई आक्रमणों से भारत गुजरा है पर सबसे बड़ा दर्द तो इस माँ को अपने ही लाल दे रहे है आपस में खून बहाकर ...बाबरी मस्जिद हो या गोधरा कांड या फिर दक्षिण भारत में  इसाई लोगो के ऊपर हुए हमले ..हर बार यह जमीं अपने ही खून से नहाई है .....

एक व्यक्ति एक किनारे से खड़ा होता है और जोर से चिल्लाता है जिसने मस्जिद को तोडा उसे हम काट डालेंगे
 
(हर एक ध्वनि के साथ मध्य खड़े व्यक्ति का एक अंग झुकता है ...पहले व्यक्ति की आवाज़ पर मध्य खड़े व्यक्ति के दाए पैर का घुटना झुकता है ...)

दूसरा व्यक्ति दुसरे किनारे से जय श्री राम यह हिन्दुओं का देश है मुसलमानों बहार जाओ ...
 (दोनों के दुसे की तरफ घूरते है फिर दर्शको की तरफ क्रांति मुद्रा में खड़े हो जाते है )

तीसरा व्यक्ति हमे हमारा तेलंगाना राज्य चाहिए किसी भी कीमत पर किसी भी हाल में कुछ तोड़ने की मुद्रा में एक कदम आगे बढ़ता है 

 (मध्य खड़े व्यक्ति का दूसरा घुटना झुकता है और वो अर्ध खड़े अवस्था में आ जाता है )

चोथा व्यक्ति कुछ निचे से उठता हुआ जोर की चिल्लाता है विदर्भ हमारा है ...

पांचवा व्यक्ति कहता है हमे भारत ने दिया ही क्या दुःख और दर्द इसने तो हमे अपना माना  ही नहीं...हमे नोर्थ ईस्ट चाहिए ..

 (मध्य खड़े व्यक्ति का दाहिना हाथ झुक कर गिर जाता है )

छटा व्यक्ति शांत मुद्रा में हमे हमारी संस्कृति चाहिए हमे पूर्वी क्षेत्र चाहिए ..और एक फाईल दर्शकों की तरफ फेकता है ...

(मध्य खड़े व्यक्ति का बायाँ हाथ भी झुक कर गिर जाता है )

पीछे से एक सूचनात्मक ध्वनि आती है अभी अभी खबर मिली है की जम्मू कश्मीर में कट्टरपंथियों ने फिर बंद का आह्वाहन किया है कई बसों में आग लगा दी गई पथराव हुए जिसमे कई लोगो के घायल होने की खबर है .
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(मध्य खड़े व्यक्ति का सर झटके से झुक जाता है अब वो निर्जीव अवस्था में आधा खड़ा है ...)

तभी एक जोर की ध्वनि आती है जेसे कुछ फटा हो बम के फटने किओ ध्वनि कुछ क्रम से ...
फिर सूचनात्मक खबर जेसी ध्वनि ...

अभी अभी खबर मिली है की भारत के पांच राज्यों में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए है जिसमे सेकड़ों लोगो के मरने तथा हजारों के घायल होने की खबर है .....

सभी व्यक्तियों के जो अपनी मांगों को लेकर गुस्सा थे अचानक चेहरे पर भय का भाव आ जाता है सभी कापने लगते है पीछे से चीखों की आवाज़ ..हर तरफ उन्हें लाशें ही लाशें दिखती है उनके ही भाई बहनों की ..वो हाथ अपने मुह पर रखते हुए जोर जोर से चीखने लगते है .....

पीछे से एक आवाज़ और आ रही है ....
अब क्या हुआ लड़ो आपस में ...
चुप क्योँ हो गए ?
अरे तुम्हारे हाथ पीछे क्यों हट रहे है अभी तो तुमने अपने ही भाई पर तलवार उठाई थी ना फिर उसकी लाश पर यह आखों से आंसू केसा ....?
और तुम तुम्हे तो भारत ने कभी कुछ नहीं दिया न तो देखो दुसरे लोगो ने तुम्हे कितना प्यार दिया ऐसा तोफा जिसमे अपनों के खून रंगे है ...
अब लड़ो आपस में अब क्या हुआ ...

मध्य खड़ा व्यक्ति अचानक जमीं पर मुह के बल चित्त हो जाता है ....

धीरे धीरे सभी व्यक्ति मुह पर हथेली रखे निचे बेठ  जाते है ...
(पीछे से एक व्यक्ति बोलना शुरू करता है )

आज हिन्दुस्तान की हालत का जिम्मेदार और कोई नहीं हम स्वयं है ..हमारी आपस की रंजिशों ने ही बाहरी लोगों को सर उठाने का मोका दिया और दे दी तलवार उनके हाथों में की काटों हमे ...हमारे भाई बहनों को बम से तेहस नहस कर दो जब हम ही उन्हें मरना चाहते है ....

अभी भी वक्त है बंद करो यह आपसी रंजिसों का खेल एक गीत ऐसा रचो जिसमे सातों स्वर हो सभी की आवाज़ की मधुरता हो ..यहाँ की फिजाओं में दर्द की चीखे नहीं गीतों का मधुर राग हो ..हाथ हाथ से हाथ मिले हो फिर देखों की किसी की आँख हमारे इस स्वर्ग पर तीरछी नहीं पड़ेगी .......फिर फिजाओं में वो गीत धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं यहीं और बस यहीं है ...

सारे खड़े होते है और हाथ मिलकर एक स्वर में कहते है ...

वो देखले हमारी ताकत को 
मिल जाये तो मुट्ठी बन जाये हम 
बरस जाए तो भूचाल ले आये हम 
हम पलट जाए तो इतिहास बदल जाते है ..
ऐसी ही ताकत है हमारे देश की ..........................................

मध्य खड़ा व्यक्ति फिर खड़ा हो जाता है आरंभ मुद्रा में और अन्य सभी व्यक्ति हाथ जोड़ नमन अवस्था में भारत को प्रणाम करते है .......................


 

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धन्यवाद