दिल्ली के प्रतिभागी सहरसा में सीख रहे 'विदापत नाच'
सहरसा, जाप्र : शुक्रवार को बटोही संस्था की ओर से कला ग्राम में 'विदापत नाच कार्यशाला' का आयोजन किया। भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से संपन्न इस कार्यशाला का उद्घाटन महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय बर्घा के प्राध्यापक प्रो. ओमप्रकाश भारती ने दीप प्रज्वलित कर किया।
श्री भारती ने कहा कि विदापत कोसी अंचल की महत्वपूर्ण लोक परम्परा है। भक्ति आंदोलन की पृष्ठभूमि में उद्धृत विदापत नाच में जयदेव और विद्यापति की पदावलियों पर आधारित नाटक की प्रस्तुति होती है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी सांस्कृतिक परम्परा है, जो पूर्वाचल भारत को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बांधती है। आज विदापत की परम्परा लुप्त हो रही है। इसे बचाने की जरुरत है। ताकि यह देश स्तर पर ख्याति प्राप्त करे।
कार्यशाला में कलाकारों को विदापत नाच के गायन तथा नृत्य पद्धति का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण के रुप में जगदीश यादव, अनंत यादव, सेवी दास, शिवनारायण यादव, शत्रुघ्न यादव, दिनेश यादव, बालदेव यादव ने प्रशिक्षुओं को परिजातहरण नाट्य की प्रस्तुति के जरिये नृत्य का गुर सिखाया। कार्यशाला में दिल्ली विवि के शोधार्थी कुमार गौरव मिश्रा, मनीष कुमार, डा. अनुजा, सुप्रिया, प्रो. सुभाषचन्द्र यादव, योगेन्द्र यादव, कमलेश्वरी प्रसाद, रामजी मंडल आदि मौजूद थे। संस्था के सचिव डा. महेन्द्र कुमार ने कहा कि सितम्बर माह में बटोही संस्था द्वारा 'कोसी पद्मा संगम अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव' का आयोजन किया जायेगा।
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