नुक्कड़ नाटक : बस और नहीं

अगस्त 02, 2012
नुक्कड़ नाटक : बस और नहीं  कुछ लोग दर्शक की तरफ इस प्रकार खड़े है की वो एक दुसरे के आगे न आये ..मध्य में एक व्यक्ति दोनों हाथ और पैर को ...
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नाटक :आत्महत्या

जनवरी 07, 2012
नाटक :आत्महत्या (भीतर से प्रकाश उभरता हुआ ..एक व्यक्ति दर्शकों की तरफ चुपचाप देख रहा है ..कुछ देर शांत रहता है ..और फिर दर्शक मैं से कु...
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जनवरी 07, 2012
मत टकरा मुझसे इस कदर मन की मैं शीशा  नहीं पर दरार तो जरुर पड़ेगी तेरे न होने का गम काफी नहीं की तू बह निकली मेरी आँखों से केसे हो जाऊ ...
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जनवरी 07, 2012
एक सोच उतर आई उन भीगी आँखों मैं एक शक्ति समां गई उन बंधे हाथों में आज पत्तों ने खूब कही अपने अलगाव की दास्तान फिर कोई अप्सरा उतरी जम...
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