हर बार जो चाहत तुम्हारी मेरे लिए
और भी करीब होने का एहसास दिलाती थी
एक पल के लिए तुम रूकती
तो उससे आगे छह बन जाती
कुछ ख्वाबो का खेल है
कुछ किस्मत की ख्वाहिश
तुम मुझमे हो और मैं तुझमे ....

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