अप्रैल 28, 2011
वो उस दिन वो उस दिन सब कुछ बदल गया था वो तुम्हारा मुझ मैं मिल जाना सब कुछ मिल जाने जेसा ...
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अप्रैल 28, 2011
कॉलेज और अतीत कॉलेज का वो पहला दिन मन मैं कुछ ख्वाब सजाए । सपनों को पलकों पर बिठाए मेने रखा कदम । देख कर...
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अप्रैल 28, 2011
आज तुम्हारे हाथो के बीच के खालीपन को भरना चाहता हूँ ॥ आज तुम्हारी पलकों मैं बस जाना चाहता हु ... आज तुम्हारे कंधे पर ...
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अप्रैल 28, 2011
इस बार फिर वेसा कुछ नहीं हुआ जेसा होना चाहिए था ... इस बार फिर चाँद भिखारी के हाथो से निकल गया और वो बुखा रह गया ...
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अप्रैल 24, 2011
aaj kuch chand main chut sa gya hai sayd wo aaj apana chehra dekhna bhul gaye..
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अप्रैल 18, 2011
cricket banaam any game har taraf cricket hi cricket hai yeh ek khel se badhkar glammar tat...
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अप्रैल 17, 2011
समाज का हर अंग महत्वपूण है चाहे वो समाज का निचला तबका हो या उच्चा वर्ग ....भारत को बहुभासिकता बहु जातिवाद बहु सांस्कृतिक वाला समाज का दर्जा ...
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अप्रैल 17, 2011
कल का अखबार पढ़ा एक खबर पढ़ कर बड़ा दुःख हुआ मध्य प्रदेश के एक जिले मैं अभी भी मंदिर के बाहर लिखा है यहाँ सुद्रो का आना मना है यह केसा आधुनिक ...
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