मेरे बाद भी ...


सारे के सारे बेगाने हुए


किसी दरिया के दो किनारे हुए


मिल जाये मोती साहिल पे


उसे रख देना मेरी पलकों पे



टूट के बिखर जायेंगे , कांच की तरह


साया जो तुम्हारा मुझसे दूर हुआ


रो लेना मेरे न होने पर भी


क्योकि आज मैं दुनिया से बेगाना हुआ



ख्वाहिश थी खुशियों से


तुम्हारा दामन भर देंगे


आज के बाद न जाने कब मिलेंगे


भुला मत देना अंधेरो मैं मेरी यादो को


उन बीते लम्हों की सोगातो को



सावन की बुँदे अब भी तुम्हे भिगोयेंगी


तुम उनसे मेरे न होने का गम धो लेना


मुझे दुनिया से शिकायत नही


और न मैं इतना बड़ा इसलिए कोई हिदायत नही


एक बार मेरे उन बातो को जिंदा कर देना


मेरे न होने पर मेरा मकसद पूरा कर देना



ये वृक्षों खिलते फूलो मेरे जाने के बाद वाही खुसबू देना


सुने गालो पर म,उस्क्राहत देना


मैं वक्त बे वक्त तुम्हे देखूंगा


न जीने मैं तो मरने के बाद सीखूंगा



मेरे जाने पर दो आंसू ज़रूर बहाना


साल का एक दिन मेरी दिन मेरी याद मैं बिताना


खुदा से गुजारिश है खुश रहना खुश रखना


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धन्यवाद